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Om Puri Birthday: हर रोल निभाने वाले ओमपुरी बनना चाहते थे रेलवे में ड्राइवर

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ओमपुरी अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आज भी दुनियाभर में उनके फैंस उनके जन्मदिन के बाद उन्हें याद कर रहे हैं. ओमपुरी उन अभिनेताओं में से एक रहे हैं जिन्होंने कॉमेडी से लेकर विलेन तक हर रोल को पर्दे पर बखूबी निभाया है...

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By Mayapuri Desk
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Om Puri Birthday: कॉमेडी से लेकर विलेन तक हर रोल निभाने वाले ओमपुरी बनना चाहते थे रेलवे ड्राइवर

Om Puri Birth Anniversary: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ओमपुरी अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आज भी दुनियाभर में उनके फैंस उनके जन्मदिन के बाद उन्हें याद कर रहे हैं. ओमपुरी उन अभिनेताओं में से एक रहे हैं जिन्होंने कॉमेडी से लेकर विलेन तक हर रोल को पर्दे पर बखूबी निभाया है. ओमपुरी को उनकी एक्टिंग, दमदार आवाज और डायलॉग डिलीवरी के लिए जाना जाता है.

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ओम पुरी का जन्म आज ही के दिन यानी  18 अक्टूबर 1950 को अंबाला में हुआ था. अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने ढाबे पर काम किया और चाय का स्टाल चलाया. उनका फिल्मी सफर मराठी फिल्म घासीराम कोतवाल से शुरू हुआ. 1980 में रिलीज़ हुई आक्रोश में उन्होंने बिना एक शब्द बोले केवल आंखों और चेहरे के भावों से अभिनय का लोहा मनवाया. उनकी गहरी और दमदार आवाज ने भी उन्हें नई ऊंचाइयां दिलाईं. उन्होंने अपने अभिनय का जादू कई डॉक्यूमेंट्री, विज्ञापन और एनिमेशन फिल्मों में भी दिखाया. 

तो आइए आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताते हैं उनकी लाइफ से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से....

-ओमपुरी का जन्म 18 अक्टूबर 1950 को अंबाला, हरियाणा की एक पंजाबी परिवार में हुआ था. उनके पिता रेल्वे में जॉब करते थे. ‘चाइना गेट’, ‘कुरुक्षेत्र’, ‘प्यार तो होना ही था’, ‘चुप-चुपके’, ‘भवनी भवई’, ‘स्पर्श’, ‘मंडी’, ‘आक्रोश’ और ‘शोध’ जैसी सैंकड़ों फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ने वाले ओमपुरी की जिंदगी बड़े ही संघर्षों में बीती, उनके घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वो कोयला बीनकर अपना पेट भरते थे.

फिल्मों से पहले ढाबे पर काम करते थे ओमपुरी

- ओमपुरी की पढ़ाई-लिखाई बेहद साधारण रही. थोड़ी समझ बनी तो अहसास हुआ कि कुछ अलग करना है. बेहद साधारण कद-काठी के बावजूद उन्होंने अभिनेता बनने का सपना देखा. फिल्म और टेलीविजन संस्थान, पुणे और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग की पढ़ाई की. खर्च चलाने के लिए ढाबे में काम किया. अपनी मेहनत के दम पर सरकारी नौकरी पायी और फिल्मों के लिए उसे भी छोड़ दिया.

- बचपन में ओमपुरी जिस मकान में रहते थे उसके पीछे एक रेलवे यार्ड था. रात के समय ओमपुरी अक्सर घर से भागकर रेलवे यार्ड में जाकर किसी ट्रेन में सोने चले जाते थे. उन दिनों उन्हें ट्रेन से काफी लगाव था और वह सोचा करते थे कि बड़े होने पर वह रेलवे ड्राइवर बनेंगे.

करीब 250 फिल्मों में किया काम

- ओमपुरी को शुरुआत में काम मिलने में थोड़ी मुश्किलें आईं. छोटे-मोटे रोल मिलने शुरू हुए और सिलसिला चल निकला. ओमपुरी सिर्फ गंभीर भूमिकाओं में ही नहीं रहे. उतनी ही बखूबी से कॉमेडी भी की. ‘मालामाल वीकली’, ‘हेरा-फेरी’, ‘चुप-चुप के’ फिल्में इसकी गवाह हैं. एकबार सिलसिला शुरू होने के बाद उन्होंने करीब 250 फिल्मों में काम किया.

- ओमपुरी का जीवन विवादों से घिरा रहा है. उनकी पत्नी ने उन पर एक किताब लिखी थी. जिसमें काफी चौंकाने वाले खुलासे किए गए थे. पत्नी ने लिखा था कि ओमपुरी ने 14 साल की उम्र में 55 साल की नौकरानी के साथ सेक्स किया था. पत्नी नंदिता ने किताब में खुलासा किया कि मामा के घर पर काम करने वाली 55 साल की नौकरानी से उन्हें प्यार हो गया था.

14 साल की उम्र में बनाया शारीरिक संबंध

- किताब में पत्नी ने लिखा है कि एक दिन घर की लाइट चली गई. नौकरानी ने मौका देखकर 14 साल के ओमपुरी को पकड़ लिया और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाये. वो नौकरानी ओमपुरी का पहला प्यार थी. पत्नी के द्वारा लिखी गई इस किताब का नाम है ‘असाधारण नायक ओमपुरी’. इस किताब के बाद दोनों पति-पत्नी के रिश्ते में खटास आ गई थी. नंदिता ने यह भी खुलासा किया कि वे अपने से ज्यादा उम्र की औरतों की तरफ आकर्षित होने लगे थे.

- ओमपुरी की पहली शादी सीमा कपूर से साथ हुई थी. सीमा और ओमपुरी एकदूसरे के बचपन के दोस्त थे. सीमा के दो बड़े भाई, रंजीत कपूर और अन्नू कपूर भी अभिनेता हैं. जाने-माने पत्रकार स्वर्गीय आलोक तोमर ने इनकी अनोखी शादी पर एक बहुत अच्छा लेख भी लिखा था. लेकिन कुछ सालों के बाद ही दोनों अलग हो गए. बाद में ओमपुरी का विवाह कलकत्ता की पत्रकार नंदिता से हुआ. नंदिता ओमपुरी का इंटरव्यू करने आई थीं. वहीं से दोनों में मित्रता हुई और विवाह हो गया.

हॉलीवुड फिल्मों में भी किया काम

- बॉलीवुड में उनके अभिनय को हर तरफ सराहना मिल रही थी. उनके समर्थ अभिनय को देखते हुए हॉलीवुड से भी ऑफर आने शुरू हुए. ओम पुरी को अंग्रेजी नहीं आती थी. बिना अंग्रेजी के हॉलीवुड फिल्मों में काम करना कैसे संभव हो पाता. उन्होंने इसे भी अपनी राह का रोड़ा नहीं बनने दिया. उन्होंने मेहनत शुरू की और कुछ ही महीनों में बिल्कुल फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना शुरू कर दिया. इसके बाद गांधी, द रिलक्टेंट फंडामेटलिस्ट और सिटी ऑफ जॉय जैसी फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाईं.

- अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, ओमपुरी के काफी अच्छे दोस्त थे. नसीरुद्दीन शाह और ओमपुरी की दोस्ती नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में हुई थी. ओमपुरी के निधन तक दोनों ने इस करीब 40 सालों तक इस दोस्ती को बखूबी निभाया. ओमपुरी ने एक बार खुद बताया था कि नसीरुद्दीन शाह ने ही उन्हें मांसाहारी से शाकाहारी बना दिया था. दोनों ने 'आक्रोश', 'द्रोह काल', 'जाने भी दो यारो' जैसे फिल्मों में साथ काम किया है.

नसीरुद्दीन शाह से थी अच्छी दोस्ती

- 1981 में फिल्म ‘आक्रोश’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसके बाद साल 1982 में फिल्म ‘आरोहण’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया और 1948 में भी उन्हें फिल्म ‘अर्ध सत्य’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. फिल्मी करियर के दौरान ओमपुरी को कई बड़े अवॉर्ड से नवाजा गया है.

यहाँ पढ़े हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता ओम पुरी के जीवन से जुडी अनसुनी कहानी:

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